यहां कोई नहीं अपना दुनिया ही बेगानी है
दुनिया जिसे कहते हैं वह झूठी कहानी है
एक फूल सा बचपन था जो बीत गया सारा
अब सारी जिंदगानी कांटो पर बितानी है
दुनिया जिसे कहते हैं वह झूठी कहानी है
धनवान बड़े आए बलवान बड़े आए
बाकी ना रहा कोई ना कोई निशानी है
दुनिया जिसे कहते हैं वह झूठी कहानी है
तूने महल बनाए थे और बाग लगाए थे
अब छोड़ कर यह नगरी जंगल में बितानी है
दुनिया जिसे कहते हैं वह झूठी कहानी है
एक रोज यहां आना एक रोज वहां जाना
आ करके चले जाना यह रीत पुरानी है
दुनिया जिसे कहते हैं वह झूठी कहानी है
रथ घोड़े और हाथी तेरा कोई नहीं साथी
एक दिन तो तेरी डोली लोगों ने उठानी है
दुनिया जिसे कहते हैं वह झूठी कहानी है
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