मोहे सुपना आयो रात… हो… रात
बलमा तेरी लंका टूट रही
सुपने नै जुलम कमाल किये
जाने कितने वीर हलाल किये
यहाँ हो रही दिन की रात… हाय रात...
बलमा तेरी लंका टूट रही
तुम बात मान लो माहरी है
तुम दे दो उनकी नारी है
खुश हो जायेंगे रघुनाथ... रघुनाथ
बलमा तेरी लंका टूट रही
यहाँ राम और लक्ष्मण आवेंगे
लंका को तोड़ बगावेंगे
माहरी होगी धर्म की हान ओ... हान
बलमा तेरी लंका टूट रही
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