Posts

बणकै सारथी महारानी मुझ दासी नै जाणे दो छुड़वा लूंगी गऊ इसे तुम नाचण और गाने दो

भगतो के बाबा जी तैंनै प्रभु सदा बढ़ाये मान

गऊ चराता खोली के म्ह देख्या एक ग्वाला भूरी लटा बखेरी बाबा काली कमली वाला

श्याम सुन्दर से सुन री ऐ मेरी सखी क्या पता थी मुलाकात हो जायगी

जीव जीवन जगत में मिला है तुझे भावना भाव भक्ति भजन के लिए

नींद मंनै ना आई मै तो पड़ी पड़ी जागू थी पाछा फ़ेर कै सो गया के तेरी बेबे लागू थी

आधी रात सिखर तैं ढलगी हुया पहर का तड़का |

एक चिड़िया के दो बच्चे थे , वे दूजी चीड़ी ने मार दिए !