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कोण परखै परखनिया होता लाल का जोहरी

चमके लागे तेरी चन्दर्मा सी शान मैंक्यों फिरे भटकती जंगल बियाबान में

इस तै सुथरे और भतेरे, कित छोरा के तोड़े मैंअच्छी को ना लागी अंजना पवन भूप के जोड़े मैं

मेरे कहे तै ब्याह करवा ले, के पाछे धूल बिटोलै गा

मुझसे ज्यादा पापी बैठे इस यज्ञ मै ब्रह्मज्ञानी छोटा सा एक दोष मेरे मै आंख मेरी है काणी

मेहँदी मै रचे हाथ गात मै हळद लगी बंध रहया कंगना

मन की बात बता सौदागर तन्नै जो दिल मै धर राखी

मारगी रे मारगी उस हीरे की अदा राँझा पीर छोड़ा होगी काने पै फ़िदा

मत ना नंगी करो सभा मैं जेठ उलहाने हो ज्यांगे चण्डाल चौकड़ी के सामी सब लोग बिराणे हो ज्यांगे

मन ममता में पागल होग्या जल आँखों से जान लगा

समझ ना सकी देवर कहानी तेरी मैं कहानी तेरी मैं

आँख खुले पै रहे बदन में सांस ना

आती तन्नै देख लई माँ गउओं की लार

हीरे जाने वाली रुक जाइये जरा

कुवे पै लुगाईया धोरे काम के फ़क़ीर का

मेरा कोनसा ढंग ससुराल जान का दमयंती भोली भाली

ओ नए नाथ सुन मेरी बात याचंद किरण जोगी तन्ने तन मन धन से चाहवै से

पटरे से तले उतर जा तू कहीं डूब के मर जा

तू पागल होरी मरे गैल मैं मरै कौन सेठानी

आती कोन्या मौत मेरी मैं क्स तन मरणा चाहूं सू

मैं जानू मेरा राम जानता मत ना करो मखोल मेरा

समय सख्त टल गया ग्रह का और कुशल सभी परिवार तेरा राजी होकै मंगल गाले रोना है बेकार तेरा

पल्ले ही में ले लूंगी, थाली ना परात मैं देख लूंगी कृष्ण भाई देयगा के भात मैं

जी चाहवै सो मांग द्रोपती मेरे से हाथ जोड़कै माफी मांगू तेरे से

मार हाथ मैं हाथ वचन दे फिर मांगूंगी भात, भाई मैं सदके जाऊं

बिगड़ी में ना नाती गोती भाभी भाई कौन बे वारिस के बेटे की करे ब्याह सगाई कौन

जब चली द्रोपती रूप भयानक करकै